इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) खत्म हो जाएगा। इसका टीएंडसीपी में विलय होगा। नया प्लानिंग विभाग बनेगा, जो नए इंदौर यानी, ‘इंदौर 2.0’ को आकार देगा। इंदौर मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी बनने से यह सब होगा। यह रिपोर्ट आईडीए अफसरों की कमेटी ने सरकार को सौंप दी है। आईडीए सीईओ के मुताबिक सरकार रिपोर्ट का वैधानिक परीक्षण करवाएगी। फिर संशोधन होंगे। अभी सरकार का फोकस एक्ट बनाने पर है, ताकि अथॉरिटी अस्तित्व में आ सके।
रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी में इंदौर, देवास, महू, पीथमपुर के अलावा धार और उज्जैन जिले का भी कुछ हिस्सा शामिल होगा। अथॉरिटी किस तरह बनेगी, इसके लिए आईडीए ने टीएंडसीपी के अफसरों के साथ मिलकर शिकागो, शंघाई, दिल्ली, मुंबई जैसे 30 शहराें का मॉडल देखा। इसमें हैदराबाद के मॉडल को बेहतर माना है। अफसरों ने हैदराबाद की तरह अथॉरिटी बनाने और टीएंडसीपी व विकास प्राधिकरणों का विलय करने का प्रस्ताव तैयार किया है।
ऐसे बदला हैदराबाद : सीबीडी बना, फॉर्च्युन- 500 कंपनियों में से 80% यहां
- 2007 में ग्रेटर हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन कॉर्पोरेशन बनने के बाद शहर का फैलाव 175 से बढ़कर 650 वर्ग किमी में हो गया।
- मेट्रोपॉलिटन बनने और रोजगार के मौके बढ़ने से आबादी 36 लाख से 90 लाख हो चुकी है। व्यवस्थित विकास, नई संभावना बनने से 24 फीसदी आबादी दूसरे शहरों से आकर बसी।
- 57 किमी में मेट्रो चलने लगी है। सात जिलों की सड़कों को जोड़ने के लिए आउटर रिंग रोड बनाई गई।
- ट्रैफिक की औसत रफ्तार 30-40 से बढ़कर 50-60 किमी प्रति घंटे हो गई है। सीबीडी के रूप में 151 एकड़ में हाईटेक सिटी विकसित हुई, जिसमें फॉर्च्युन की 500 लिस्टेड कंपनियों में से 80% हैं।
- हैदराबाद में आईटी कंपनियों का निर्यात उत्पाद 17% बढ़ा, जो बाकी राज्यों के मुकाबले दोगुना है। इस क्षेत्र में काम करने वालों की संख्या कुछ वर्षों में 10 लाख होगी। नागपुर के बाद हैदराबाद दूसरी सिटी, जहां डबल डेकर फ्लायओवर बनाया जाएगा।
ऐसे बदलेगा इंदौर : महू, पीथमपुर का पूरा हिस्सा मेट्रोपाॅलिटन में आ जाएगा
- मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी मेंें इंदौर, देवास, महू, पीथमपुर पूरे शामिल होंगे, जबकि धार अाैर उज्जैन जिले का कुछ भाग आएगा। अथॉरिटी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। दूसरी एक्जीक्यूटिव अथॉरिटी बनेगी, जो विकास योजनाएं क्रियान्वित करेगी। नगर निगम के अधिकार पहले जैसे रहेंगे। वही नक्शे पास करेगा। आईडीए का विलय टीएंडसीपी में होगा। तब नया प्लानिंग विभाग बनेगा।
- मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी एरिया का डेवलपमेंट प्लान एक साथ बनेगा। पानी, सीवरेज, बिजली सप्लाय, सड़क नेटवर्क के लिए अलग समितियां बनेंगी। हालांकि सारे प्रस्ताव अथॉरिटी से ही मंजूर होंगे।
- ट्रैफिक, ट्रांसपोर्ट का प्लान अलग से बनेगा। अर्बन मोटर ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी बनाने का प्रस्ताव है। हैदराबाद में यूएमटीए और मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी समान रूप से काम करती हंै।
- प्लानिंग विभाग सेक्शन रोड नेटवर्क, पानी, सीवरेज और ट्रांसपोर्ट को लेकर काम करेगा। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र का प्लान अलग बनाएंगे, जो अथॉरिटी की मंजूरी से लागू होगा।